Samandar Na Ho To | Dosti Shayari

 

dosti shayari in hindi

समंदर न हो तो कश्ती किस काम की,
मजाक न हो तो मस्ती किस काम की,
दोस्तों के लिए कुर्बान है ये ज़िन्दगी,
दोस्त न हो तो ये ज़िन्दगी किस काम की।

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