ऐसी वाणी बोलिये ?️ कि सब से झगडा होए, ऐसी वाणी बोलिये ? कि सब से झगडा होए, पर उस से झगडा ?? ना करें जो आप से तगड़ा होए ???
“आपकों प्यार ? करने से डर लगता है आपकों खोने से डर?लगता है कहीं आखों ? से गुम ना हो जाये याद अब रात ? में सोने से डर लगता है”
अगर दुनिया ? में जीने की चाहत ना होती, तो खुदा ने मोहब्बत ? बनाई ना होती, लोग मरने की आरज़ू ? ना करते, अगर मोहब्बत में बेवाफ़ाई ? ना होती!
अपने दिल ♥️ की बात उनसे कह नहीं सकते, बिन कहे भी जी?नहीं सकते, ऐ खुदा! ऐसी तकदीर ? बना, कि वो खुद हम से आकर कहे कि, हम आपके बिना जी नही सकते ?
अपनी तकदीर में तो कुछ ? ऐसे ही सिलसिले लिखे हैं; किसी ने वक़्त ⏲️ गुजारने के लिए अपना बनाया; तो किसी ने अपना बनाकर ? ‘वक़्त’ गुजार लिया!
अर्ज़ किया है: वो कहती ? अपने भाइयों से, मेरे आशिक़ ? को यूँ ना पीटो; ज़रा गौर फरमाइये: वो कहती ? अपने भाइयों से, मेरे आशिक़ ? को यूँ ना पीटो; बड़ा ज़िद्दी है ये कमीना, पहले कुत्ते ? की तरह घसीटो
औकात? और ☝?धर्म ??देख ?के दोस्ती ?नही??♂ करता ?जो ☝?दिल ❤को अच्छा ☺लगता है ☝?उसी से दोस्ती ?करता? हूँ
भूल गए या, ? भुलाना चाहते हो? दूर कर दिया, या जाना?चाहते हो? आजमा लिया, या आजमाना ? चाहते हो? मैसेज कर रहे हो या अभी और पैसे ? बचाना चाहते हो?
हमारा _अंदाजा кσι ना लगाये तो ही тнιк रहेगा,,,,
क्युकी
अंदाज़ा तो Bαrιѕн का _लगाया जाता है.. Tυfαи का नहीं…?
छोटे से दिल ? में गम बहुत है, जिन्दगी में मिले जख्म ? बहुत हैं, मार ही डालती कब की ये दुनियाँ ? हमें, कम्बखत दोस्तों की दुआओं ? में दम बहुत है
“दीवाने है तेरे नाम के इस बात ? से इंकार नहीं कैसे कहे कि तुमसे प्यार ? नहीं कुछ तो कसूर है आपकी आखों ?️ का हम अकेले तो गुनहगार नहीं ”
दोस्ती हर चहरे की मीठी मुस्कान ? होती है, दोस्ती ही सुख दुख ? की पहचान होती है, रूठ भी गऐ हम तो दिल ? पर मत लेना, क्योकि दोस्ती जरा सी ? नादान होती है
एक अजनबी से मुझे इतना प्यार ? क्यों है! इंकार करने पर चाहत का इकरार ? क्यों है! उसे पाना नहीं मेरी तकदीर ? में शायद! फिर भी हर मोड़ पर उसी का इन्तज़ार?क्यों है
एक आरज़ू सी दिल ♥️ मैं अक्सर छुपाये फिरता हूँ … प्यार ? करता हूँ तुझ से, पर कहने से डरता हूँ … नाराज़ ? ना हो जाओ कहीं मेरी गुस्ताखी से तुम …. इसलिए खामोश ? रह कर भी ,तेरी धड़कन ♥️ को सुना करता हूँ
एक सिलसिले ? की उम्मीद थी जिनसे; वही फ़ासले ? बनाते गये! हम तो पास आने ? की कोशिश में थे; ना जाने क्यूँ वो हमसे?दूरियाँ बढ़ाते गये!
? हम तो फूलों की तरह,
अपनी आदत से बेबस हैं…!
तोडने वाले को भी,
खुशबू की सजा देते हैं..!! ?
इन आंखो मे आंसू ? आये न होते; अगर वो पीछे मुडकर मुस्कुराये ? न होते! उनके जाने के बाद बस येही गम ? रहेगा; कि काश वो हमारी ज़िन्दगी मे दूबारा ? आये न होते!
इस कदर हम यार?को मनाने निकले! उसकी चाहत के हम दिवाने ? निकले! जब भी उसे दिल ♥️ का हाल बताना चाहा! उसके होठों से वक़्त ? न होने के बहाने निकले!
इस नए साल में ख़ुशियों ? की बरसातें हों; प्यार के दिन ? और मोहब्बत की रातें हों; रंजिशें नफ़रतें मिट ? जायें सदा के लिए; सभी के दिलों ? में ऐसी चाहते हों!
जानकार भी तुम ? मुझे जान ना पाए, आजतक तुम मुझे पहचान ? ना पाए, खुद ही की है बेवाफाई ? तुमने, ताकि तुम पर इल्ज़ाम ? ना आए!
कहती है दुनिया ? जिसे प्यार, नशा है, खताह है! हमने भी किया है ? प्यार, इसलिए हमे भी पता है! मिलती है थोड़ी खुशियाँ ? ज्यादा गम! पर इसमें ठोकर खाने का भी कुछ अलग ही मज़ा है!
“माना के मर जाने पर भुला ? दिए जाते है लोग ज़माने में ? पर मैं तो अभी जिन्दा हूँ फिर कैसे उसने मुझे भुला ? दिया..??
मैंने कब कहा मुझे गुलाब दे,
या फिर अपनी महोब्बत से
नवाज़ दे…
मोहब्बत ♥️ नहीं है कोई किताबों ? की बाते! समझोगे जब रो ? कर कुछ काटोगे रातें! जो चोरी ? हो गया तो पता चला दिल ♥️ था हमारा! करते थे हम भी कभी किताबों ? की बाते
आज बहुत उदास है मन मेरा
गैर बनके ही सही….
तू बस मुझे आवाज़ दे?
में ?ऐसी ??आदत्त ?नही ❌लगाता ?
जो? मेरी ?कमज़ोरी ?बन ?जाए
नफरत को हम प्यार ? देते है, प्यार पे खुशियाँ वार ? देते है, बहुत सोच समझकर ? हमसे कोई वादा करना, “ऐ दोस्त” हम वादे ? पर जिदंगी गुजार देते है
नज़र चाहती है ? दीदार करना; दिल ♥️ चाहता है प्यार करना; क्या ? बतायें इस दिल ? का आलम; नसीब में लिखा है इंतजार?करना!
ना किसी के आभाव में जीता हूँ!!
ना किसी के प्रभाव में जीता हूँ!!
ज़िन्दगी मेरी है!!
बस अपने मस्त स्वभाव में जीता हूँ!
ना पूछ मेरे सब्र की इंतहा ? कहाँ तक है; तू सितम कर ले, तेरी हसरत ? जहाँ तक है; वफ़ा की उम्मीद, जिन्हें होगी ? उन्हें होगी; हमें तो देखना है, तू बेवफ़ा ? कहाँ तक है।
पानी आने की बात करते हो; दिल ♥️? जलाने की बात करते हो; चार दिन से मुंह नहीं धोया; तुम नहाने ? की बात करते हो ??
फूल ? बनकर मुस्कुराना जिन्दगी है, मुस्कुरा के गम भूलाना ? जिन्दगी है, मिलकर लोग खुश होते है तो ? क्या हुआ, बिना मिले दोस्ती ? निभाना भी जिन्दगी है
प्यार में बेवाफाई ? मिले तो गम न करना; अपनी आँखे ? किसी के लिए नम न करना; वो चाहे लाख नफरते ? करें तुमसे; पर तुम अपना प्यार कभी ? उसके लिए कम न करना
रिश्तों की यह दुनिया ? है निराली, सब रिश्तों से प्यारी है दोस्ती ? तुम्हारी, मंज़ूर है आँसू भी आखो ? में हमारी, अगर आजाये मुस्कान होंठ पे तुम्हारी
साहिल पर खड़े-खड़े ?️ हमने शाम कर दी, अपना दिल ? और दुनिया ? आप के नाम कर दी, ये भी न सोचा कैसे ? गुज़रेगी ज़िंदगी, बिना सोचे-समझे हर ख़ुशी आपके ? नाम कर दी
सुबह ? होते ही जब दुनिया आबाद होती है, आँख ? खुलते ही आपकी याद आती है, खुशियों के फूल?हो आपके आँचल में, ये मेरे होंठों पे पहली फ़रियाद होती है
तरसते थे जो मिलने ? को हमसे कभी! आज वो क्यों मेरे साए?से कतराते हैं! हम भी वही हैं दिल ♥️ भी वही है! न जाने क्यों ? लोग बदल जाते हैं
उल्फत में ?अक्सर ऐसा होता है; आँखे हंसती हैं और दिल ❣️ रोता है; मानते हो तुम जिसे मंजिल ? अपनी; हमसफर उनका कोई ? और होता है!
उलझी शाम ? को पाने की ज़िद न करो; जो ना हो अपना ? उसे अपनाने की ज़िद न करो; इस समंदर ? में तूफ़ान बहुत आते है; इसके साहिल पर घर बनाने की ज़िद ? न करो।
वो छोड़ के?गए हमें; न जाने उनकी क्या मजबूरी ? थी; खुदा ने कहा इसमें उनका ? कोई कसूर नहीं; ये कहानी तो मैंने लिखी ?ही अधूरी थी।
जिंदगी देने वाले, मरता ? छोड़ गये; अपनापन जताने वाले तन्हा?छोड़ गये; जब पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफर ? की; वो जो साथ चलने वाले रास्ता मोड़ ? गये