मंज़िलों से अपनी कभी दूर मत जाना,
रास्तों की परेशानियों से टूट मत जाना,
जब भी जरूरत हो ज़िन्दगी में अपनों की,
ऐ दोस्त हम तेरे अपने हैं ये भूल मत जाना।
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मंज़िलों से अपनी कभी दूर मत जाना,
रास्तों की परेशानियों से टूट मत जाना,
जब भी जरूरत हो ज़िन्दगी में अपनों की,
ऐ दोस्त हम तेरे अपने हैं ये भूल मत जाना।