आज फिर तन्हा रात में इंतज़ार है उस शख्स का जो कहा करता था तुमसे बात न करूँ तो नींद नहीं आती।
आंखों के रास्ते दिल ♥️ में उतर कर नही देखा,
तूने मेरे सीने में अपनी यादों का घर ?️ नही देखा,
तेरे इश्क की वहशत ने पागल ? बना दिया है मुझे,
तेरी गलियों की खाक के सिवा मैंने कुछ नही देखा।
अपनी मोहब्बत ?कि खुशबु से नूर कर दे,
जुदा न हो सकु इतना मगरुर कर दे,
मेरे दिल ♥️ मे बस जाए वफ़ा तेरी ,
किसी और को ना देखु मुझे इतना मजबुर कर दे।
अपनी यादें अपनी बातें ?️ लेकर जाना भूल गये;
जाने वाले जल्दी में मिलकर ? जाना भूल गये;
मुड़-मुड़ कर देखा ? था जाते वक़्त रास्ते में उन्होंने;
जैसे कुछ जरुरी था, जो वो हमें बताना ? भूल गये;
वक़्त-ए-रुखसत भी रो रहा ? था हमारी बेबसी पर;
उनके आंसू ? तो वहीं रह गये, वो बाहर ही ? आना भूल गये।
बेनाम सा यह दर्द ? ठहर क्यों नही जाता;
जो बीत गया है वो ? गुज़र क्यों नही जाता;
वो एक ही चेहरा ? तो नही सारे जहाँ मैं;
जो दूर है वो दिल ? से उतर क्यों नही जाता।
चैन से रहने का ? हमको यूं मशवरा मत दीजिये, अब मज़ा देने लगी हैं ? ज़िंदगी की मुश्किलें…!!
ढाई अक्षर की बात ? कहने में,
कितनी तकलीफ ? उठा रखी है,
तूने आँखों ? में छिपा रखी है,
मैंने होंठो ? पे दबा रखी है..
दिल ? की हालात बताई नहीं जाती;
हमसे उनकी चाहत ? छुपाई नहीं जाती;
बस एक याद ? बची है उनके चले जाने के बाद;
हमसे तो वो याद भी दिल ? से निकाली नहीं जाती।
दिल ? में रहने की इजाजत नहीं मांगी जाती ये तो वो जगह है जहाँ कब्जा ? किया जाता है।
दिलो जान से ? करेंगे हिफ़ाज़त उसकी बस एक बार वो कह दे कि मैं अमानत ? हूं तेरी।
एक शाम आती है तुम्हारी याद लेकर,
एक शाम जाती है तुम्हारी याद देकर,
पर मुझे तो उस शाम का इंतेज़ार है,
जो आए तुम्हे अपने साथ लेकर। ♥️?♥️
एहसास ए मुहब्बत ? के लिए बस इतना ही काफी है, तेरे बगैर भी हम, ? तेरे ही रहते हैं..!!
फुर्सत किसे ? है ज़ख्मों को सरहाने की;
निगाहें ?️ बदल जाती हैं अपने बेगानों की;
तुम भी छोड़कर ? चले गए हमें;
अब तम्मना न रही किसी से दिल ? लगाने की।
इस शक की वजह से ना ? जाने कितने रिश्ते टूटे ? कभी ज़िन्दगी हमसे रूठी, कभी हम ज़िन्दगी ? से रूठे. इस अजनबी दुनिया मैं किसी से दिल ❤️ न लगाना, सुना है बिन बुलाये आने वाले ?❤️?? बिन बताये ही चले जाते है..
जब रूह किसी बोझ ? से थक जाती है;
एहसास की लौ ? और भी बढ़ जाती है;
मैं बढ़ता हूँ ज़िन्दगी ? की तरफ लेकिन;
ज़ंजीर सी पाँव ? में छनक जाती है।
कई चेहरे लेकर लोग यहाँ जिया करते हैं ,
हम तो बस एक ही चेहरे से प्यार करते हैं ,
ना छुपाया करो तुम इस चेहरे को,
क्योंकि हम इसे देख के ही जिया करते हैं।?
किसी ने यूँ ही पूछ ? लिया हमसे कि दर्द की कीमत क्या है;
हमने हँसते ? हुए कहा, पता नहीं… कुछ अपने मुफ्त में दे जाते हैं।
किसी शायर से कभी उसकी उदासी? की वजह पूछना…दर्द को इतनी ? ख़ुशी से सुनाएगा की प्यार हो जायेगा…!!!
कुछ रूठे हुए लम्हें ? कुछ टूटे हुए रिश्ते……हर कदम पर काँच बन ? कर जख्म देते है..अजीब दस्तूर है, मोहब्बत ? का, रूठ कोई जाता है, टूट ? कोई जाता है
मैं इस काबिल तो नही ? कि कोई अपना समझे…. पर इतना यकीन है कोई अफसोस जरूर करेगा मुझे खो ? देने के बाद.!!
मैँ कभी बुरा नही ? था उसने मुझे बुरा कह दिया…फिर मैँ बुरा बन गया ताकि ? उन्हे कोई झुठा ना कह दे…
मै तो फना हो गया ? उसकी एक झलक देखकर ना जाने हर रोज़ आईने ? पर क्या गुजरती होगी.
मैंने पूछा एक पल ? में जान कैसे निकलती है उसने चलते चलते मेरा हाथ छोड़?दिया…
मेरे दिल ? में तेरे लिए प्यार आज भी है
माना कि तुझे मेरी मोहब्बत ? पर शक आज भी है
नाव में बैठकर जो धोए थे हाथ ? तूने
पूरे तालाब ? में फैली मेंहदी की महक आज भी है ।
मेरी वफ़ा की ? कदर ना की,
अपनी पसंद पे तो ? ऐतबार किया होता,
सुना है वो उसकी ? भी ना हुई,
मुझे छोड?दिया था उसे ? तो अपना लिया होता।
मेरी यादो मे तुम हो, या मुझ मे ही तुम हो,
मेरे खयालो मे तुम हो, या मेरा खयाल ही तुम हो,
दिल मेरा धडक के पूछे, बार बार एक ही बात,
मेरी जान मे तुम हो, या मेरी जान ही तुम हो!!!
मिले तो हजारो लोग ? थे ज़िन्दगी में पर वो सब से अलग थी जो किस्मत ? में नहीं थी।
मुझे आदत नहीं कहीं बहुत?देर तक ठहरने की.. लेकिन जब से तुम मिले हो ये दिल ? कही और ठहरता नही…
नींद तो ठीक ठाक ? आई पर जैसे ही आँख खुली फिर वही ज़िन्दगी ? और वो पगली याद आई.
प्यार मोहब्बत आशिकी..
ये बस अल्फाज थे..
मगर.. जब तुम मिले.
तब इन अल्फाजो को मायने मिले !!
साथ अगर दोगे तो मुस्कुराएंगे ☺️ ज़रूर,
प्यार अगर दिल ? से करोगे तो निभाएंगे ज़रूर,
कितने भी काँटे क्यों ना हों राहों ?️ में,
आवाज़ ?️ अगर दिल ? से दोगे तो आएंगे ज़रूर।
सिर्फ इशारों में होती महोब्बत अगर,
इन अलफाजों को खुबसूरती कौन देता?
बस पत्थर बन के रह जाता ‘ताज महल’
अगर इश्क ?इसे अपनी पहचान ना देता।
सुना है ऊपर वाले ? ने लाखो लोगो की तक़दीर सवारी है काश वो एक बार मुझे भी कह दे के अब तेरी ? बारी है।
तेरे बिना ?❤️?? में ये दुनिया छोड तो दूं ,
पर उसका दिल ? कैसे दुखा दुं ,
जो रोज दरवाजे ? पर खडी केहती हे ;
बेटा घर जल्दी आ जाना, ?
तेरी धड़कन ही ज़िंदगी ?का किस्सा है मेरा,
तू ज़िंदगी का एक अहम् हिस्सा है मेरा,
मेरी मोहब्बत ? तुझसे, सिर्फ़ लफ्जों की नहीं है,
तेरी रूह से रूह तक का रिश्ता है मेरा।
थाम कर बैठे हो जिसे गर्दिश-ए-वक़्त में वो हाथ ? छोड़ दोगे, तेरी चूड़ी के शीशे से भी नाज़ुक है मेरा दिल ? यूँ ही खेल खेल में तोड़ दोगे..
तुम्हारे बिन हमें ये जिन्दगी ? अच्छी नहीं लगती,
सनम तेरी निगाहों की नमी ? अच्छी नही लगती,
मुझे हासिल हुई दुनियां की दौलत ?️ और ये शोहरत,
मिला सब कुछ मगर तेरी कमी ? अच्छी नहीं लगती..
तुम्हारी प्यारी सी नज़र ? अगर इधर नहीं होती,
नशे में चूर फ़िज़ा इस कदर नहीं होती,
तुम्हारे आने तलक हम को होश रहता है,
फिर उसके बाद हमें कुछ ख़बर ℹ️ नहीं होती।
तुम रख ना सकोगे मेरा ? तौफ़ा संभालकर;
वरना मैं अभी दे दूं जिस्म से रूह ? निकाल कर।
उन गलियों से जब गुज़रे?तो मंज़र अजीब था;
दर्द था मगर वो दिल ❣️ के करीब था;
जिसे हम ढूँढ़ते थे अपनी हाथों ? की लकीरों में;
वो किसी दूसरे की किस्मत ? किसी और का नसीब था।
ये झूठ है की मुहब्बत किसी का दिल ? तोड़ती है, लोग खुद ही टूट ? जाते है मुहब्बत करते करते…