Ki Subah Ka Dard Shaam Ko Purana Ho Jaata Hai.
Zindagi Shayari in Hindi
रफ़्तार कुछ इस कदर तेज़ हुई है जिन्दगी की,
कि सुबह का दर्द शाम को पुराना हो जाता है।
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रफ़्तार कुछ इस कदर तेज़ हुई है जिन्दगी की,
कि सुबह का दर्द शाम को पुराना हो जाता है।