Ummeed Ki Hasti Ko Koi | Dosti Shayari in Hindi

 

dosti shayari in hindiउम्मीद की हस्ती को कोई डुबा नहीं सकता,
रौशनी का दीया कोई बुझा नहीं सकता,
हमारी दोस्ती है ताजमहल की तरह,
जिसे कोई दोबारा बना नहीं सकता।

(Visited 43 times, 1 visits today)

Leave a Reply